आज के इस Article में हम CPU के बारे में जानेंगे की CPU (Processor) कैसे बनता है? क्योंकि Processor बनाना बहुत ही जटिल कार्य होता है। इसलिए कंप्यूटर क्षेत्र की सभी कंपनियाँ प्रोसेसर नहीं बनती। दो कंपनियाँ INTEL और AMD सबसे प्रसिद्ध हैं जो प्रोसेसर बनाती हैं। CPU बनाने की शुरुआत सिलिकॉन रेत से होती है।
तो चलिए समझते हैं की CPU (Processor) कैसे बनता है।
Related posts:
CPU (Processor) कैसे बनता है? (How is CPU Made in Hindi)
सिलिकॉन रेत (Silicone sand)
सिलिकॉन रेत इसमे 25% सिलिकॉन पाया जाता है। एक अर्द्धचालक को बनाने के लिए सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2) बहुत ही अच्छा तत्व माना जाता है। जो की सिलिकॉन रेत में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
शुद्धिकरण (Purification)
सिलिकॉन रेत से सिलिकॉन को अलग करने के लिए रेत को हजारों डिग्री तापमान पर गर्म किया जाता है। अर्द्धचालक बनाने के लिए सिलिकॉन को कई चरणों में शुद्ध किया जाता है। शुद्ध सिलिकॉन को इलेक्ट्रॉनिक ग्रेड सिलिकॉन कहा जाता है। इसके बाद सिलिकॉन को पिघला कर मोनो-क्रिस्टल के रूप में बनाया जाता है। जिसे Ingot (धातु-पिंड) कहा जाता है।
धातु पिंड की स्लाइसिंग (Ingot Slicing)
Ingot को पतले-पतले स्लाइस में काटा जाता है। इस कटे स्लाइस को वेफर्स कहा जाता है। वेफर्स के डायमीटर की आवश्यकता के अनुसार Ingot का आकार तय किया जाता है। Processor को 300mm वेफर्स पर बनाया जाता है। इसके बाद वेफर्स को पॉलिश किया जाता है।
फोटोलिथोग्राफी (Photolithography)
एक खास तरह का पैटर्न वेफ़र पर प्रिन्ट किया जाता है। जिसे फोटोलिथोग्राफी कहते हैं। इस प्रक्रिया में एक Blue Liquid (Photoresist) वेफ़र पर डाला जाता है। Blue Liquid (Photoresist) प्रकाश की कुछ Frequencies के प्रति संवेदनशील होता है। तथा UV Light Exposure द्वारा सर्किट का image वेफ़र पर बनाया जाता है। इसके बाद उसको Wash और Etching किया जाता है।
आयन डोपिंग (Ion Doping)
इस प्रक्रिया में वेफ़र पर जो पैटर्न बनाया गया था उस पर लाइट बीम की मदद से आयन (Ion) की बारिश करवाई जाती है। पैटर्न का जो हिस्सा Photoresist से ढका नहीं होता है उसकी सतह पर आयन (+,-) बिछ जाते है। इस प्रक्रिया को आयन डोपिंग कहा जाता है। इसके बाद Photoresist को हटा दिया जाता है।
पूरे वेफ़र पर Silicone dioxide की परत चढ़ाई जाती है। चुकी ट्रांजिस्टर अन्य तत्व से इंसुलेट हो सके।
वेफ़र इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Wafer Electroplating)
इस प्रक्रिया में वेफ़र को कॉपर सल्फेट के घोल में डाल दिया जाता है। कॉपर आयनों को ट्रांजिस्टर पर उतार दिया जाता है। इस प्रक्रिया को इलेक्ट्रोप्लेटिंग कहते हैं। इसके बाद कॉपर आयन की पतली परत वेफ़र की सतह पर चढ़ाई जाती है।
धातु की परत (Metal Layer)
वेफ़र पर धातु की परत चढ़ाई जाती है जिससे ट्रांजिस्टोरों के बीच परस्पर कनेक्शन हो सके। इन कनेक्शनों को Wired कैसे होना है यह प्रोसेसर की फंक्शनलिटी पर डिपेंड करता है।
Wafer Testing & Slicing
Wafer को इलेक्ट्रॉनिक टेस्ट से गुजारा जाता है। तथा आने वाले Response को मानिटर किया जाता है। जिससे response सही मिलता है। उसे छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है। कटे हुए भाग को डाई कहा जाता है।
CPU Packaging & Testing
CPU को एक विशिष्ट प्रकार के कवर में पैक कर दिया जाता है। और Test करके मार्केट में भेज दिया जाता है।
Also Read:
- हार्डवेयर क्या है?
- सॉफ्टवेयर क्या होता है – What is Software in Hindi
- कंप्यूटर की सभी पीढ़ियां | Generation of Computer in Hindi
- ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है (What Is Operating System In Hindi)
- Processor मे NM क्या होता है।
Conclusion:
Friend’s आज के इस आर्टिकल में हमने CPU बनाने की प्रक्रिया के बारे में सीखा। आपने देखा Processor को बनाना कितना जटिल होता है। प्रोसेसर को बनाने के लिए सैकड़ों प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
तो दोस्तों आशा करता हूँ की यह article आपके लिए knowledgeable रहा होगा। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो हमारे Facebook Page और Twitter को Follow करें। इस Website की सभी article हमारे फेस्बूक पेज और ट्विटर पर अपलोड की जाती हैं। इस आर्टिकल से संबंधित कोई question हो तो नीचे कमेन्ट करें। हम आपके कमेन्ट का जवाब जरूर देंगे। धन्यवाद!