तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971) पूरी जानकारी – 100%

नमस्कार दोस्तों

आज के इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation of Computer) तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं (Features of Third Generation Computer) तथा तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे वा नुकसान (Advantage and Disadvantage of Third Generation Computer) के बारे में विस्तार के जानेंगे।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर

तो चलिए जानते हैं की तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Third Generation of Computer) क्या है। –

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तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Third Generation of Computer in Hindi)

सन 1964 से 1971 के बीच के Computers को तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की श्रेणी मे रखा गया है। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का विकास उस समय से माना जाता है जिस समय से कंप्यूटरों मे ट्रांजिस्टर की जगह पर इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का Use होने लगा।  

Integrated circuit

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में IC (Integrated Circuits) का उपयोग किया गया था। IC (इंटीग्रेटेड सर्किट) आकार में ट्रांजिस्टर के मुकाबले छोटे और सस्ते होते थे। तथा बिजली की खपत कम करते थे। 

इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का अविस्कार “Jack Killby” ने किया था। Integrated Circuit, Transistor के मुकाबले काफी Fast, Reliable और छोटे थे। IC को LSI (Large Scale Integration) भी कहा जाता है। IC मे सिलिकॉन की एक चिप पर कई ट्रांजिस्टर, कैपिसिटर, और रजिस्टर सुरक्षा प्रदान करने के लिए लगे होते थे।

IC के use से कंप्यूटरों का size काफी छोटा हो गया था जिससे कंप्यूटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने मे आसान हो गया।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में पंच कार्ड की जगह पर कीबोर्ड और मॉनिटर का use किया जाने लगा था। जिससे कंप्यूटर को ऑपरेट करना काफी आसान हो गया। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों मे टाइम शेयरिंग, रिमोट प्रोसेसिंग, मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का use किया गया। जिससे Users को एक साथ कई ऍप्लिकेशन चलाने का ऑप्शन मिला।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में COBOL, FORTRAN-2 की जगह BASIC, PASCAL PL/1, ALGOL-68, जैसी हाई लेवल लैंग्वेज का use किया गया। तथा Storage के लिए बड़े मैग्नेटिक डिस्क और RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) का Use किया गया। जिससे कंप्यूटर काफी Fast और Reliable हो चुके थे।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के उदाहरण (Example of Third Generation of Computer)

तीसरी पीढ़ी में कई सारे कंप्यूटरों को विकसित किया गया जिनमे से कुछ कंप्यूटरों के नाम निम्नलिखित है। –

  • IBM-360 series
  • PDP-11 (Personal Data Processor)
  • TDC-316
  • UNIVAC 1108
  • ICL 2900
  • IBM-370/168
  • CDC 6600
  • Honeywell-6000 series
Relative Post:

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की विशेषताए (Features of Third Generation of Computer)

Integrated Circuit (IC):

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों मे transistor के स्थान पर इंटेगरटेड सर्किट (IC) का उपयोग किया गया।

गति (Speed):

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों की प्रोसेसिंग स्पीड काफी फास्ट हो गई थी।

लागत (Cost):

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की Cost काफी हद तक कम हो गई थी।

ऊर्जा खपत (Power Consumption):

इस पीढ़ी के कंप्यूटर पहले के मुकाबले काफी कम power consume करते थे।

विस्वसनीयता (Reliability):

दूसरी या पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों के मुकाबले तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर काफी reliable थे।

इनपुट आउट्पुट (Input/output):

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में इनपुट आउट्पुट के लिए पंच कार्ड के जगह पर कीबोर्ड और मानिटर का use किया गया।

भाषा (Language):

हाई लेवल लैंग्वेज जैसे BASIC, COBOL, PASCAL आदि का इसी पीढ़ी में विकास हुआ।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Third Generation Computer in Hindi)

  • तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर पहले के मुकाबले काफी Fast, और Reliable थे।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों मे हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग किया जाता था।
  • इनका आकार पहले से काफी छोटा हो गया था।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों को ऑपरेट करना काफी आसान था।
  • तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटरों में मल्टी प्रोग्रामिंग करने की सुविधा थी।
  • इन कंप्यूटरों मे मेन्टेन रखना आसान था।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर कम हीट उत्पन्न करते थे।
  • तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर काफी कम मात्रा मे बिजली खपत करते थे।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantage of Third Generation Computer in Hindi)

  • तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर काफी महंगे होते थे।
  • इन कंप्यूटरों की Speed आज के कंप्यूटरों के मुकाबले काफी कम थी।
  • इन कंप्यूटरों को use करने के लिए औपचारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती थी।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों को ठंडा रखने के लिए AC की जरूरत पड़ती थी।
  • IC चिप को उस समय में बनाना कफी मुस्किल होता था।
  • IC चिप को बनाने तथा repair करने के लिए स्पेशल वर्करों  की आवश्यकता पड़ती थी।
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Conclusion:

Friends आज के इस article मे हमने तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के बारें में सीखा की तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Third Generation of Computer in Hindi) क्या हैं तथा तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं और तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे और नुकसान (Advantage and Disadvantage of Third Generation Computer in Hindi)

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