क्या है नया नियम
शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा 2025 से लागू किए जा रहे नए नियमों के अनुसार अब केवल D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) धारकों को ही प्राइमरी शिक्षक (कक्षा 1 से 5 तक) बनने की पात्रता होगी। B.Ed डिग्री धारकों की इस पद के लिए पात्रता समाप्त कर दी गई है।
यह नियम केंद्रीय और राज्य दोनों प्रकार की शिक्षक भर्तियों पर लागू होगा। यानी अब यदि कोई अभ्यर्थी B.Ed करके प्राइमरी शिक्षक बनना चाहता है तो उसे निराशा हाथ लग सकती है।
पहले क्या था नियम
2018 में NCTE ने एक संशोधन में कहा था कि B.Ed डिग्री धारक भी कक्षा 1 से 5 के लिए शिक्षक बन सकते हैं, बशर्ते वे CTET या राज्य स्तरीय TET परीक्षा पास करें। लेकिन अब यह सुविधा वापस ले ली गई है।
नए नियम के पीछे कारण
इस निर्णय के पीछे शिक्षा की गुणवत्ता और बाल शिक्षण में विशेषज्ञता को प्राथमिकता देना मुख्य कारण बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि B.Ed पाठ्यक्रम मुख्यतः माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि D.El.Ed पाठ्यक्रम विशेष रूप से प्रारंभिक कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।
किन परीक्षाओं पर पड़ेगा असर
- CTET (Central Teacher Eligibility Test)
- UPTET, BTET, REET, HTET, आदि राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षाएं
- KVS, DSSSB, NVS जैसी केंद्रीय शिक्षक भर्तियां
- सभी राज्य सरकारी स्कूलों की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रियाएं
इन सभी में अब कक्षा 1 से 5 के लिए केवल D.El.Ed धारकों को ही पात्र माना जाएगा।
जो छात्र B.Ed कर चुके हैं उनके लिए क्या विकल्प है
यदि कोई अभ्यर्थी पहले ही B.Ed कर चुका है और उसने प्राइमरी शिक्षक बनने का सपना देखा था तो अब उसके पास कुछ सीमित विकल्प होंगे:
- वह कक्षा 6 से 8 के शिक्षक पदों के लिए आवेदन कर सकता है
- माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में भाग ले सकता है
- कोई अन्य शिक्षक ट्रेनिंग कोर्स (जैसे विशेष शिक्षा या विषय विशेषज्ञता) की ओर बढ़ सकता है
भविष्य की शिक्षक भर्तियों पर प्रभाव
इस बदलाव से उन छात्रों को सबसे अधिक राहत मिलेगी जिन्होंने D.El.Ed किया है और जो लंबे समय से B.Ed धारकों से प्रतिस्पर्धा के कारण पिछड़ रहे थे। साथ ही यह बदलाव शिक्षा के स्तर को बेहतर करने की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
Teacher Joining New Rules 2025 का प्रभाव लाखों B.Ed कर चुके उम्मीदवारों पर पड़ेगा। हालांकि यह निर्णय विवादास्पद हो सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य प्रारंभिक शिक्षा को अधिक केंद्रित और गुणवत्ता युक्त बनाना है। यदि आप भविष्य में प्राइमरी शिक्षक बनना चाहते हैं तो D.El.Ed कोर्स की ओर ध्यान देना आवश्यक है।