दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956- 1963) पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों

आज के इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation of Computer) दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं (Features of Second Generation Computer) तथा द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ वा हानियाँ (Advantage and Disadvantage of Second Generation Computer) के बारे में विस्तार के जानेंगे।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर

तो चलिए एक-एक करके सभी Topic के बारे में समझते हैं की कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation of Computer) क्या हैं?-

Table of Contents

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दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Second Generation of Computer)

सन 1956 से 1963 के बीच के Computers को दूतीय पीढ़ी की श्रेढ़ी मे रखा गया है। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर मे Transistor (ट्रांजिस्टर) का use किया गया था जो प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर मे उपयोग किए गए Vacuum tube से काफी छोटे होते थे।

Transistor
Transistor

ट्रांजिस्टर के उपयोग के कारण दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के size मे बहुत बड़ा बदलाव आया। क्योंकि दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर से काफी छोटे हो गए।

ट्रांजिस्टर के use से कंप्यूटर के size मे तो अंतर पड़ा ही उसके साथ-साथ कंप्यूटर के विकास, विस्वसनीयता (reliability), और Heat produce मे भी काफी अंतर देखने को मिला। हालांकि ट्रांजिस्टर भी गर्मी produce करते थें लेकिन वैक्यूम ट्यूब वाले कंप्यूटर के मुकाबले कम करते थे।

ट्रांजिस्टर का आविष्कार 1947 में बेल लैब्स में किया था। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से काफी बेहतर थे। इसके use से दूसरे पीढ़ी के कंप्यूटर काफी छोटे तो हो गए लेकिन आज के कंप्यूटर के तुलना मे अभी भी बड़े थे।

दूसरी पीढ़ी के Computers में मशीनी लैंग्वेज के स्थान पर असेंबली लैंग्वेज का उपयोग किया गया। High level Language, COBOL तथा FORTRAN का विकास इसी पीढ़ी में हुआ था।

Second Generation का सबसे पहला कंप्यूटर TX-0 था। जिसको ट्रांजिस्टर की मदद से बनाया गया था। इस कंप्यूटर को 1956 में लॉन्च किया गया था।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956- 1963)

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के नाम –

  • UNIVAC 1108
  • CDC 1604
  • Honeywell 400
  • CDC 3600
  • IBM 7094
Relative Post:

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं (Properties of Second Generation Computer in Hindi)

ट्रांजिस्टर (Transistor): इन कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब की जगह पर transistors का use हुआ था।

आकार (Size): दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर मे ट्रांजिस्ट का उपयोग करने से इसका आकार प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से काफी छोटा हो गया था। क्योंकि Vacuum tube का आकार Transistor से बड़ा होता था।

पंच कार्ड (Punch card): इन Computers मे पंच कार्ड का use input, output ऑपरेशन के लिए किया जाता था।

कीमत (Cost): प्रथम पीढ़ी के कंप्युटर की तुलना मे इस पीढ़ी के कंप्यूटर सस्ते होते थे।

गति (Speed): इस पीढ़ी के कंप्यूटर की speed प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में काफी फास्ट थे।

विश्वसनीयता (Reliability): इस जनरेशन के कंप्यूटर अधिक विश्वसनिए होते थे क्योंकि Transistor की लाइफ वैक्यूम ट्यूब से अधिक था।

प्रोग्रामिंग भाषा (Programming Language): इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में असेंबली लैंग्वेज और हाई लेवल लैंग्वेज का use किया गया था।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ (Advantage of Second Generation Computer in Hindi)

  1. इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में Vacuum Tube के स्थान पर सर्किट के रूप में Transistor का उपयोग किया गया था।
  2. Transistor के use से कंप्यूटर का आकार काफी छोटा हो गया था।
  3. इस पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के मकबले कम गर्मी उत्पन्न करते थे।
  4. दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को रखने के लिए कम जगह की आवश्यकता पड़ती थी।
  5. पहली पीढ़ी के मुकाबले दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का Speed काफी फास्ट था।
  6. पहली पीढ़ी के मुकाबले दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर सस्ते होते थे।
  7. इस पीढ़ी के कंप्यूटर पहले पीढ़ी के कंप्यूटर से विश्वसनीए (reliable) और टिकाऊ होते थे।
  8. दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर मे ऊर्जा की खपत काम कम को गई थी।
  9. इस पीढ़ी के कंप्यूटर को मेन्टेन करना पहले से आसान हो गया था।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के हानियाँ (Disadvantage of Second Generation Computer in Hindi)

  1. इन कंप्यूटरों को ठंडा रखने के लिए कूलिंग मशीन की आवश्यकता पड़ती थी।
  2. दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर आज के कंप्यूटरों के मुकाबले काफी महंगे थे।
  3. इन कंप्यूटरों में input के लिए पंच कार्ड का use करना पड़ता था।
  4. इस पीढ़ी के कंप्यूटर का use केवल कुछ चुनिन्दा कामों के लिए किया जाता था।
  5. इनको निरंतर रखरखाव को जरूरत पड़ती थी।
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FAQs (Frequently Asked Questions):

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में किसका उपयोग किया गया था?

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ‘Transistor’ का उपयोग किया गया था।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आविस्कार कब हुआ था?

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आविस्कार सन 1956 में हुआ था।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की अवधि क्या था?

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की अवधि 1956 से 1963 तक थी।   

Conclusion:

Friends आज के इस article मे हमने दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के बारें में सीखा की दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Second Generation of Computer in Hindi) क्या हैं तथा दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं और द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ और हानियाँ (Advantage and Disadvantage of Second Generation Computer in Hindi)

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