केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षा को और अधिक प्रैक्टिकल और करियर-उन्मुख बनाने के उद्देश्य से एक नया कदम उठाया है। वर्ष 2025 से CBSE द्वारा कक्षा 6 से ही स्कूली छात्रों को 33 नए प्रकार के स्किल कोर्स पढ़ाने की योजना बनाई गई है। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक और उपयोगी कौशल भी सिखाना है जिससे वे भविष्य के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकें।
किन कक्षाओं में लागू होगा नया स्किल कोर्स
CBSE द्वारा घोषित योजना के अनुसार ये स्किल कोर्सेस कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए होंगे। शुरुआत में बुनियादी जानकारी दी जाएगी और जैसे-जैसे कक्षा बढ़ेगी, विषय की गहराई और जटिलता भी बढ़ेगी।
कौन-कौन से स्किल कोर्स शामिल होंगे
इस योजना के तहत जिन प्रमुख स्किल कोर्स को शामिल किया गया है, उनमें शामिल हैं:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
- कोडिंग
- ब्यूटी एंड वेलनेस
- डेटा साइंस
- डिजाइन थिंकिंग
- ड्रोन टेक्नोलॉजी
- मार्केटिंग और सेल्स
- फाइनेंशियल लिटरेसी
- ग्रीन स्किल्स
- पर्यटन और आतिथ्य सेवा
- कृषि विज्ञान
- हेल्थ केयर
- रिटेल मैनेजमेंट
इनमें से कुछ कोर्स व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने वाले होंगे जबकि कुछ टेक्नोलॉजी और इनोवेशन आधारित होंगे।
कोर्स का उद्देश्य और फायदा
CBSE का यह कदम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत लिया गया है जिसमें यह साफ कहा गया है कि छात्रों को केवल थ्योरी नहीं बल्कि स्किल बेस्ड नॉलेज भी मिलनी चाहिए। इन कोर्सों के जरिए छात्रों में रोजगार के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल विकसित किया जाएगा। इसके अलावा यह बच्चों को कम उम्र में ही अपने करियर के लिए सोचने और तैयार होने में मदद करेगा।
स्कूलों में कैसे होगा कार्यान्वयन
CBSE ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे इन कोर्सों को लागू करने के लिए जरूरी संसाधन तैयार करें। इसके लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था, पाठ्यक्रम सामग्री और आकलन प्रणाली भी स्कूलों में लागू की जाएगी। स्कूल चाहें तो अपने हिसाब से कोर्स का चयन कर सकते हैं और छात्रों की रुचि के अनुसार उन्हें पढ़ा सकते हैं।
शुरुआती कोर्स कैसे होंगे
कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को स्किल कोर्स की केवल परिचयात्मक जानकारी दी जाएगी। इसमें अभ्यासात्मक गतिविधियां, प्रोजेक्ट वर्क और बेसिक नॉलेज पर फोकस किया जाएगा। कक्षा 9 से 12 तक कोर्स थोड़े एडवांस स्तर के होंगे जिनमें मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन भी शामिल किया जाएगा।
अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका
इस योजना को सफल बनाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका भी अहम होगी। उन्हें बच्चों को इन कोर्सों के महत्व के बारे में जागरूक करना होगा और उन्हें सही कोर्स चुनने में मदद करनी होगी ताकि वह अपने भविष्य को बेहतर दिशा में ले जा सकें।
निष्कर्ष
CBSE द्वारा स्कूली शिक्षा में स्किल कोर्स को शामिल करना एक सराहनीय और दूरदर्शी कदम है। यह न केवल छात्रों को ज्ञान के साथ-साथ कौशल भी प्रदान करेगा बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक ठोस पहल होगी। आज के दौर में केवल किताबी ज्ञान काफी नहीं, स्किल भी जरूरी हैं और CBSE ने इस जरूरत को बखूबी पहचाना है।